प्री-एक्लेम्पसिया एक उच्च रक्तचाप विकार है, जो गर्भावस्था के 20वें सप्ताह के बाद एक गर्भवती महिला को हो सकता है। इस स्थिति में महिला का रक्तचाप अचानक बढ़ने लगता है और यूरिन में प्रोटीन की मात्रा भी…
प्रसवोत्तर रक्तस्राव (पीपीएच) जन्म देने के बाद गंभीर रक्तस्राव है। यह एक गंभीर और खतरनाक स्थिति है। पीपीएच आमतौर पर बच्चे के जन्म के 24 घंटों के भीतर होता है, लेकिन यह प्रसवोत्तर 12 सप्ताह…
नॉर्मल डिलीवरी की प्रक्रिया को कुल तीन चरणों में बांटा गया है। इसके पहले चरण को भी तीन हिस्सों में बांटा गया है, जिनके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है। नॉर्मल डिलीवरी का…
तनाव से दूर रहें –नॉर्मल डिलीवरी की इच्छा रखने वाली गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान तनाव से दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए। नकारात्मक बातें न सोचें :गर्भावस्था के दौरान नकारात्मक बातों से दूर…
डिलीवरी की ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें शिशु का जन्म महिला के योनि मार्ग से प्राकृतिक तरीके से होता है। अगर गर्भावस्था में किसी तरह की मेडिकल समस्या न हो, तो गर्भवती महिला की नॉर्मल डिलीवरी…
प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के शरीर में बहुत से बदलाव आते हैं और कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिनमें से एक कॉमन समस्या है खुजली। प्रेग्नेंसी में हर महिला को खुजली की समस्या…
यदि बच्चा सामान्य से कम मूव या किक कर रहा है तो ये चिंता की बात हो सकती है। प्रेग्नेंसी के 16वें हफ्ते में शिशु का मूव करना महसूस होने लगता है। अगर बच्चे की…
डबल मार्कर टेस्ट/ Double Marker test in Hindi प्रसव पूर्व किया जाने वाला स्क्रीनिंग टेस्ट है जो गर्भावस्था के पहले तिमाही में किया जाता है। यह आपके भ्रूण में होने वाले क्रोमोसोमल विषमता की संभावना…
ट्रिपल मार्कर टेस्ट एक खून सबंधी जांच है जिसे 15 से 20 हफ्ते की प्रेग्नेंसी के दौरान किया जाता है इसके अलावा दूसरा टेस्ट क्वाडरुपल मार्कर स्क्रीन टेस्ट( Quadruple marker screen test ) है जो…
एपीसीओटॉमी को पेरीनिओटमी के रूप में भी जाना जाता है, यह एक परिधीय शल्य चिकित्सा चीरा है, और आमतौर पर प्रसव के दूसरे चरण के दौरान एक दाई या प्रसूति द्वारा किया जाता है जो…